भोपाल। मध्यप्रदेश के तबलीगी जमात के जिम्मेदारों ने कराई COVID-19 की जांच जांच के लिए स्वयं पहुंचे जेपी अस्पताल जांच कराने पहुंचे जिम्मेदारों की रिपोर्ट आई नेगेटिव जमात के मध्यप्रदेश के जिम्मेदार खुसरो मोहम्मद खान साहब, इक़बाल हफीज़ साहब ने की आवाम से अपील जांच कराने और प्रशासन का सहयोग करने की कही बात आवाम से कहा- एहतियात बरतें जो लोग दिल्ली या बाहर गए हैं वो तुरंत ही प्रशासन को दें इत्तेला और कराएं जांच

भोपाल। मध्यप्रदेश के तबलीगी जमात के जिम्मेदारों ने कराई COVID-19 की जांच


जांच के लिए स्वयं पहुंचे जेपी अस्पताल 


जांच कराने पहुंचे जिम्मेदारों की रिपोर्ट आई नेगेटिव


जमात के मध्यप्रदेश के जिम्मेदार खुसरो मोहम्मद खान साहब, इक़बाल हफीज़ साहब ने की आवाम से अपील


जांच कराने और प्रशासन का सहयोग करने की कही बात


आवाम से कहा- एहतियात बरतें


जो लोग दिल्ली या बाहर गए हैं वो तुरंत ही प्रशासन को दें इत्तेला और कराएं जांच capacitynewspaper@gmail.com 


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<no title>*ब्रेकिंग* भोपाल कलेक्टर का आदेश। केंद्र द्वारा दी गयी राहत का भोपाल में नहीं होगा असर। केंद्र ने दी है दुकानें खोलने की छूट। राज्यों को दिए हैं दुकान खोलने के मामले में फैसला लेने का अधिकार। भोपाल कलेक्टर ने आज आदेश जारी करके कहा कि 3 मई तक कोई छूट नहीं रहेगी। 3 मई के बाद समीक्षा करके आगे का फैसला लिया जाएगा।
मध्यप्रदेश युवक कॉंग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता सैय्यद सऊद हसन द्वारा जारी किया गया Facebook Post काफ़ी चर्चा का विषय बन गया है। इस में उन्होंने भोपाल सांसद प्रज्ञा ठाकुर का लापता होने की बात कही है। इंगलैंड की De. Montfort University Students Union (डि. मॉंट्फ़ोर्ट यूनिवर्सिटी छात्र संघ) के उपाध्यक्ष (वाइस प्रेज़िडेंट) रह चुके इस युवा नेता ने बताया कि भोपाल सांसद लगातार ग़ायब हैं और इस कोरोना महामारी की मार झेल रहे भोपाल जिसने उन्हें सांसद बनाया उस शहर की उन्हें कोई चिंता नहीं। जहाँ एक तरफ़ कमल नाथ एवं दिग्विजय सिंह लगातार मध्यप्रदेश की जनता के भलाई का काम कर रहे हैं वही दूसरी तरफ़ प्रज्ञा ठाकुर जैसी नेता का कोई अता पता नहीं है। अंत में सैय्यद सऊद हसन ने कहा भोपाल की जनता ऐसे नेताओं को कभी माफ़ नहीं करेगी और सही समय आने पर सबक़ सिखाएगी
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एल बी एस हॉस्पिटल पर इलाज न करने का आरोप 
कुदरत का कहर भी जरूरी था साहब हर कोई खुद को खुदा समझ रहा था। जो कहते थे,मरने तक की फुरसत नहीं है वो आज मरने के डर से फुरसत में बेठे हैं। माटी का संसार है खेल सके तो खेल। बाजी रब के हाथ है पूरा साईंस फेल ।। मशरूफ थे सारे अपनी जिंदगी की उलझनों में,जरा सी जमीन क्या खिसकी सबको ईश्वर याद आ गया ।। ऐसा भी आएगा वक्त पता नहीं था, इंसान डरेगा इंसान से ही पता नहीं था