दुनिया में कोरोना के रोगी की संख्या कैसे बढ़ी... न्यूयार्क पहला सप्ताह - 2 दूसरा सप्ताह - 105 तीसरा सप्ताह - 613 फ्रांस पहला सप्ताह - 12 दूसरा सप्ताह - 191 तीसरा सप्ताह - 653 चौथा सप्ताह - 4499 ईरान पहला सप्ताह - 2 दूसरा सप्ताह - 43 तीसरा सप्ताह - 245 चौथा सप्ताह - 4747 पांचवां सप्ताह - 12729 इटली पहला सप्ताह - 3 दूसरा सप्ताह - 152 तीसरा सप्ताह - 1036 चौथा सप्ताह - 6362 पांचवां सप्ताह - 21157 स्पेन पहला सप्ताह - 8 दूसरा सप्ताह - 674 चौथा सप्ताह - 6043 भारत पहला सप्ताह - 3 दूसरा सप्ताह - 24 तीसरा सप्ताह - 105 साफ है अगले दो हफ्ते भारत के लिए निर्णायक हैं। दो हफ्ते ज्यादा से ज्यादा घर के अंदर रहें और विशेषज्ञों द्वारा बताई जा रही अन्य सावधानियां वरतें। हमें इस महामारी के तीसरे चरण में पहुंचने से बचना है जिसमें वायरस सामाजिक संपर्क और भीड़-भाड़ से बड़े स्तर पर फैलता है। इसलिए अनेक कार्यक्रमों और लोगों के इकठ्ठे होने पर रोक लगाई गई है। भारत एक बड़ी आबादी वाला देश है। यहां रोग का फैलाव तीसरे और चौथे चरण में कहीं ज्यादा विकराल होगा। इससे बचने के लिए प्रत्येक नागरिक को अपना योगदान देना होगा। कृपया ज्यादा से ज्यादा शेयर करें।

दुनिया में कोरोना के रोगी की संख्या कैसे बढ़ी...


न्यूयार्क
पहला सप्ताह - 2
दूसरा सप्ताह - 105
तीसरा सप्ताह - 613


फ्रांस
पहला सप्ताह - 12
दूसरा सप्ताह - 191
तीसरा सप्ताह - 653
चौथा सप्ताह - 4499


ईरान
पहला सप्ताह - 2
दूसरा सप्ताह - 43
तीसरा सप्ताह - 245
चौथा सप्ताह - 4747
पांचवां सप्ताह - 12729


इटली
पहला सप्ताह - 3
दूसरा सप्ताह - 152
तीसरा सप्ताह - 1036
चौथा सप्ताह - 6362
पांचवां सप्ताह - 21157


स्पेन
पहला सप्ताह - 8
दूसरा सप्ताह - 674
चौथा सप्ताह - 6043


भारत
पहला सप्ताह - 3
दूसरा सप्ताह - 24
तीसरा सप्ताह - 105


साफ है अगले दो हफ्ते भारत के लिए निर्णायक हैं। दो हफ्ते ज्यादा से ज्यादा घर के अंदर रहें और विशेषज्ञों द्वारा बताई जा रही अन्य सावधानियां वरतें। हमें इस महामारी के तीसरे चरण में पहुंचने से बचना है जिसमें वायरस सामाजिक संपर्क और भीड़-भाड़ से बड़े स्तर पर फैलता है। इसलिए अनेक कार्यक्रमों और लोगों के इकठ्ठे होने पर रोक लगाई गई है। भारत एक बड़ी आबादी वाला देश है। यहां रोग का फैलाव तीसरे और चौथे चरण में कहीं ज्यादा विकराल होगा। इससे बचने के लिए प्रत्येक नागरिक को अपना योगदान देना होगा। कृपया ज्यादा से ज्यादा शेयर करें capacitynewspaper@gmail.com 


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<no title>*ब्रेकिंग* भोपाल कलेक्टर का आदेश। केंद्र द्वारा दी गयी राहत का भोपाल में नहीं होगा असर। केंद्र ने दी है दुकानें खोलने की छूट। राज्यों को दिए हैं दुकान खोलने के मामले में फैसला लेने का अधिकार। भोपाल कलेक्टर ने आज आदेश जारी करके कहा कि 3 मई तक कोई छूट नहीं रहेगी। 3 मई के बाद समीक्षा करके आगे का फैसला लिया जाएगा।
*पत्रकारों के लिए क्या....?* केंद्र सरकार और प्रदेश की सरकार के द्वारा जिस तरह बीपीएल कार्ड धारियों, श्रमिकों और किसानों इत्यादि को जिस तरह से राहत राशियां एवं मुफ्त खाद्य सामग्री प्रदान करने की घोषणा की गई है, क्या इसी तरह पत्रकारिता के क्षेत्र में कार्य करने वाले पत्रकारों के हितों का भी सरकारों के द्वारा ख्याल नहीं रखना चाहिए? देश में आज नाम मात्र के बराबर अपने जोखिम भरे कार्यों के बदले पारितोषिक प्राप्त करने वाले पत्रकारों की संख्या नगण्य है। *ज्यादातर पत्रकार बगैर किसी सैलरी या मेहनताने के काम करते हैं,* ऐसी स्थितियों में उन पत्रकारों को भी अपने घर परिवार के भरण-पोषण विशेषकर ऐसी विकराल परिस्थितियों में तो और भी कठिन चुनौतियों से गुजरना पड़ता है। *क्या ऐसी स्थितियों में हमारी सरकारों को पत्रकारों के प्रति भी संवेदनशील नहीं होना चाहिए??* पत्रकारिता जैसे चुनौतीपूर्ण कार्य करने वाले उन सभी पत्रकारों को हमारी सरकारों के द्वारा कुछ ना कुछ राहत राशि प्रदान कर संबल प्रदान करने की आवश्यकता है। जिससे कि आने वाले समय में लोकतंत्र का यह चौथा स्तंभ और मजबूती के साथ खड़ा होकर अपनी जिम्मेदारियों को भरपूर तरीके से कार्यों का निर्वहन कर सके। कहते हैं *भूखे भजन न होय गोपाला, जा धरी तुम्हारी कंठी माला।।* भूखे पेट समाज सेवा नहीं होती, समाज को सजगता प्रदान करने हेतु अपनी कलम के माध्यम से प्रेरित कर लोगों को आगाह करने वाला लोकतंत्र का यह *चौथा स्तंभ आज पूरी तरह उपेक्षा का शिकार* है। जिस पर हमारी *सरकारों एवं जनप्रतिनिधियों को ध्यान देने की आवश्यकता* है । 🙏🏻🙂🙏🏻🤷🏻‍♂✒️✒️
मध्यप्रदेश युवक कॉंग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता सैय्यद सऊद हसन द्वारा जारी किया गया Facebook Post काफ़ी चर्चा का विषय बन गया है। इस में उन्होंने भोपाल सांसद प्रज्ञा ठाकुर का लापता होने की बात कही है। इंगलैंड की De. Montfort University Students Union (डि. मॉंट्फ़ोर्ट यूनिवर्सिटी छात्र संघ) के उपाध्यक्ष (वाइस प्रेज़िडेंट) रह चुके इस युवा नेता ने बताया कि भोपाल सांसद लगातार ग़ायब हैं और इस कोरोना महामारी की मार झेल रहे भोपाल जिसने उन्हें सांसद बनाया उस शहर की उन्हें कोई चिंता नहीं। जहाँ एक तरफ़ कमल नाथ एवं दिग्विजय सिंह लगातार मध्यप्रदेश की जनता के भलाई का काम कर रहे हैं वही दूसरी तरफ़ प्रज्ञा ठाकुर जैसी नेता का कोई अता पता नहीं है। अंत में सैय्यद सऊद हसन ने कहा भोपाल की जनता ऐसे नेताओं को कभी माफ़ नहीं करेगी और सही समय आने पर सबक़ सिखाएगी
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कुदरत का कहर भी जरूरी था साहब हर कोई खुद को खुदा समझ रहा था। जो कहते थे,मरने तक की फुरसत नहीं है वो आज मरने के डर से फुरसत में बेठे हैं। माटी का संसार है खेल सके तो खेल। बाजी रब के हाथ है पूरा साईंस फेल ।। मशरूफ थे सारे अपनी जिंदगी की उलझनों में,जरा सी जमीन क्या खिसकी सबको ईश्वर याद आ गया ।। ऐसा भी आएगा वक्त पता नहीं था, इंसान डरेगा इंसान से ही पता नहीं था
एल बी एस हॉस्पिटल पर इलाज न करने का आरोप