SC Hearing on CAA Today LIVE News Updates: सुप्रीम कोर्ट ने संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) की संवैधानिक वैधता को परखने का आग्रह करने वाली याचिकाओं पर बुधवार को सुनवाई की।

*SC Hearing on CAA Today LIVE News Updates: सुप्रीम कोर्ट ने संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) की संवैधानिक वैधता को परखने का आग्रह करने वाली याचिकाओं पर बुधवार को सुनवाई की। कोर्ट ने सीएए पर फिलहाल रोक लगाने से इनकार कर दिया।  प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे और न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर तथा न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की पीठ ने केंद्र को विभिन्न याचिकाओं पर नोटिस जारी किया था और पीठ करीब याचिकाओं पर सुनवाई की। इस मौके पर कोर्ट ने केंद्र सरकार को सभी 144 याचिकाओं पर जवाब देने के लिए कहा है। इसके लिए कोर्ट ने सरकार को चार सप्ताह का समय दिया है। वहीं सीजेआई असम याचिकाओं को अलग से सूचीबद्ध करने के लिए सहमत है।*


वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल ने याचिकाकर्ताओं की तरफ से बहस करते हुए कहा कि एनपीआर प्रक्रिया अप्रैल में शुरू होगी और कई राज्यों ने पहले ही डॉक्यूमेंटेशन की प्रक्रिया शुरू कर दी है। यह कहते हुए कि एक बार दी गई नागरिकता को बदला नहीं जा सकता है, सिब्बल अदालत से नजदीक की तारीख देने का अनुरोध किया। उन्होंने कहा, "कृपया (एनपीआर) प्रक्रिया को 3 महीने के लिए स्थगित कर दें। इस बीच, आपका फैसला हो सकता है।"


इन याचिकाओं में इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल) और कांग्रेस नेता जयराम रमेश की याचिकाएं भी शामिल हैं। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 12 दिसंबर को नागरिकता (संशोधन) विधेयक 2019 को मंजूरी दी थी जिससे यह कानून बन गया था।


पिछले साल दिसंबर महीने में संसद के शीतकालीन सत्र में इस बिल को मंजूरी दिए जाने के बाद पूरे देश में प्रदर्शन चल रहे हैं। पहले असम में हिंसक प्रदर्शन हुआ और फिर पूरे देश में यह फैल गया। दिल्ली के शाहीन बाग इलाके में हजारों की संख्या में महिलाएं और पुरुष लंबे समय से प्रदर्शन कर रहे हैं। बिहार, बंगाल, केरल सहित देश के विभिन्न हिस्सों में इस कानून के खिलाफ प्रदर्शन हो रहा है। इस प्रदर्शन के दौरान अब तक पूरे देश में 26 लोगों की मौत हो चुकी है।


दिसंबर महीने में शीर्ष अदालत ने केंद्र को नोटिस जारी किया। अदालत ने जनवरी में कानून के खिलाफ एक जरूरी सुनवाई से इनकार कर दिया था, और कहा था कि "देश कठिन समय से गुजर रहा है।" CJI ने कहा, "अदालत का काम एक कानून की वैधता निर्धारित करना है और इसे संवैधानिक घोषित नहीं करना है।" CAPACITY NEWS


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