JNU छात्र संघ अध्यक्ष आइशी घोष के खिलाफ एफआईआर, पुलिस ने सर्वर रूम में तोड़फोड़ में मामले में 19 अन्य के खिलाफ भी दर्ज किया केस

*JNU छात्र संघ अध्यक्ष आइशी घोष के खिलाफ एफआईआर, पुलिस ने सर्वर रूम में तोड़फोड़ में मामले में 19 अन्य के खिलाफ भी दर्ज किया केस*
Updated: Jan 07 2020 01:25 PM | 


JNU Students Protest, JNU Violence : जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के सर्वर रूम में तोड़फोड़ की घटना के संबंध में दिल्ली पुलिस ने दो प्राथमिकी दर्ज की है। पुलिस ने मंगलवार को यह जानकारी दी है। उन्होंने बताया कि ये प्राथमिकी जेएनयू प्रशासन की शिकायत पर पांच जनवरी को दर्ज की गई। बता दें कि रविवार की रात करीब 8.39 PM और 8.43 PM पर यह दोनों एफआईआर दर्ज की गई है। इस दिन इसी वक्त जेएनयू कैंपस में आइशी घोष और अन्य छात्रों की पिटाई भी की गई थी।  जेएनयू प्रशासन ने सर्वर रूम में तोड़फोड़ के सिलसिले में छात्र संघ की अध्यक्ष आइशी घोष समेत अन्य पदाधिकारियों के नाम दिए थे लेकिन पुलिस ने घोष या अन्य छात्रों के नाम प्राथमिकी में आरोपी के रूप में दर्ज नहीं किए हैं।


शाइनी घोष के खिलाफ जो केस दर्ज किया गया है उसमें शारीरिक हिंसा की बात कही गई है। आरोप है कि शाइनी घोष ने महिला सुरक्षा कर्मियों को धक्का दिया और उन्हें धमकी भी दी। दूसरा एफआईआर सर्वर रूम की घटना से जुड़ा हुआ है लेकिन इसमें शाइनी घोष का नाम नहीं है। पुलिस ने बताया कि सर्वर बंद करने की शिकायत तीन जनवरी को और सर्वर रूप में तोड़फोड़ की शिकायत चार जनवरी को दर्ज करवाई गई थी।


विश्वविद्यालय प्रशासन का दावा है कि कुछ छात्रों ने शुक्रवार को सर्वर रूम में घुस कर तोड़फोड़ की और संचार व्यवस्था को खराब किया था। इसके बाद टेक्निकल स्टाफ ने किसी तरह सर्वर रूम में की गई खराबी को ठीक किया था। लेकिन इसके बाद शनिवार को दोपहर करीब 1 बजे कुछ छात्र वापस यहां आए और उन्होंने फिर से इसे खराब कर दिया और दोबारा तोड़फोड़ की। सर्वर रूम में आई खराबी को दोपहर 4 बजे ठीक किया जा सका। आरोप है कि इसी दिन गार्ड से मारपीट की गई।


हालांकि इधर जेएनयूएसयू के उपाध्यक्ष साकेत मून ने आरोप लगाया कि प्रशासन कुछ छात्रों को चुन-चुनकर निशाना बना रहा है। मून ने सर्वर रूप में तोड़फोड़ की घटना में संलिप्तता से इनकार किया। जेएनयू छात्र संघ का दावा है कि विश्वविद्यालय प्रशासन ने कुछ नकाबपोशों के जरिए सर्वर रूम में खराबी करवाई और छात्रों पर हमला भी करवाया। संघ की अध्यक्ष को सरेआम थप्पड़ भी मारा गया था। इनका यह भी दावा है कि रविवार को जो हमला हुआ वो हमला भी सर्वर रूम में हुए विवाद से जुड़ा हुआ है।


फिलहाल पुलिस इन दोनों एफआईआर के दर्ज होने के बाद इसकी जांच कर रही है। आपको बता दें कि रविवार को हुए हमले की जांच और दोषियों की पहचान के लिए पुलिस विश्वविद्यालय में लगे सीसीटीवी फुटेज की भी जांच कर रही है। इस मामले में 34 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज है    capacity news 


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