*हाथ में तिरंगा ले CAA का विरोध कर रहे मुस्लिम किशोर की हत्या के पीछे हिन्दूवादी संगठनों का हाथ? 6 गिरफ्तार*
Updated: Jan 03 2020 10:16 AM | Written by संतोष सिंह
बिहार में संशोधनित नागरिकता कानून (CAA) के खिलाफ बुलाए गए राजद के बंद के दौरान एक मुस्लिम किशोर की हत्या कर दी गई थी। अब पुलिस ने इस हत्या के मामले में हिन्दूवादी संगठनों से जुड़े लोगों समेत 6 लोगों को गिरफ्तार किया है। मृतक की बीती 21 दिसंबर को हत्या हुई थी और उसके 10 दिन बाद उसका शव बरामद किया गया है।
पटना की फुलवारी शरीफ पुलिस के अधिकारियों के अनुसार, हिन्दू पुत्र संगठन के कार्यकर्ता नागेश सम्राट (23 वर्ष) और हिन्दू समाज संगठन के कार्यकर्ता विकास कुमार (21 वर्ष) को आमिर हंजला (18 वर्ष) की हत्या के मामले में आरोपित किया गया है। इनके अलावा दीपक महतो, छोटू महतो, सनोज महतो उर्फ धेलवा और रईस पासवान को भी पुलिस ने हत्या के मामले में गिरफ्तार किया है। पुलिस के अनुसार, ये सभी अपराधी हैं।
पुलिस के अनुसार, मृतक आमिर हंजला बैग बनाने की कंपनी में काम करता था। फुलवारी शरीफ पुलिस स्टेशन के इंचार्ज रफीकुर रहमान ने द इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि "हमारी जांच में पता चला है कि जब CAA का विरोध कर रहे प्रदर्शनकारियों को पुलिस ने तितर-बितर किया तो पीड़ित आमिर भी प्रदर्शन छोड़कर भाग गया, लेकिन कुछ लड़कों ने उसे संगत गली में पकड़ लिया। पोस्टमार्टम रिपोर्ट के अनुसार, ईंटों और नुकीली चीजों से वार कर आमिर की हत्या की गई। आमिर के सिर में चोट के निशान मिले हैं, वहीं उसके शरीर पर भी कटे के निशान पाए गए हैं। उसके पेट में भी काफी रक्त इकट्ठा पाया गया है, जिससे पता चलता है कि उसे अंदरुनी ब्लीडिंग हुई थी।"
आमिर के पिता का कहना है कि वह पहली बार किसी विरोध प्रदर्शन में शामिल हुआ था। आमिर के पिता एक तबलीगी जमात का हिस्सा हैं। उन्होंने कहा कि "उसकी क्या गलती थी? वह तिरंगा पकड़े हुए था।"
पुलिस ने इस बात की पुष्टि की कि हिंदू पुत्र संगठन उन 19 संगठनों में शामिल है, जिनके कार्यालयों और पदाधिकारियों की जानकारी बिहार पुलिस की स्पेशल ब्रांच द्वारा बीते मई माह में मांगी गई है।
पुलिस के अनुसार, बीती 21 दिसंबर को विरोध प्रदर्शन के दौरान भड़की हिंसा की साजिश में गिरफ्तार किए गए हिंदूवादी संगठनों से जुड़े दोनों युवा शामिल थे। पुलिस के अनुसार, ये दोनों आरोपी पटना के निवासी नहीं हैं। तीन साल पहले हुए सांप्रदायिक दंगों में भी इसी तरह भीड़ को बाहर से लामबंद किया गया था। फिलहाल पुलिस और सबूत जुटाने का प्रयास कर रही हैcapacity news