ELECTIONS 2019 *बंगाल चुनाव के लिए अमित शाह ने रखा गुरु, ममता से मुकाबले के लिए सीख रहे बांग्ला* Updated: Jan 02 2020 12:34 PM

ELECTIONS 2019
*बंगाल चुनाव के लिए अमित शाह ने रखा गुरु, ममता से मुकाबले के लिए सीख रहे बांग्ला*
Updated: Jan 02 2020 12:34 PM |


पश्चिम बंगाल विधान सभा चुनाव होने में अभी एक साल से ज्यादा का समय बाकी है लेकिन बीजेपी अभी से ही वहां जीत हासिल करने की रणनीति पर काम कर रही है। बीजेपी ने 295 सदस्यों वाली पश्चिम बंगाल विधान सभा के लिए मिशन 250 का लक्ष्य तय किया है। इसके साथ ही ममता बनर्जी के 'मां, माटी, मानुष' का काट निकालने के लिए बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने नई रणनीति बनाई है। इस रणनीति के तहत अमित शाह बांग्ला भाषा सीख रहे हैं ताकि वो लोगों से बांग्ला में संवाद कर सकें और बांग्ला में ही भाषण दे सकें।


दरअसल, अमित शाह चाहते हैं कि वो बांग्ला में भाषण देकर ममता का काउंटर कर सकें साथ ही बंगाली समुदाय खुद को उनसे जुड़ा महसूस कर सके। ममता बनर्जी अपना हर संबोधन बांग्ला में ही करती हैं। अमित शाह ने बांग्ला सीखने के लिए एक गुरू भी अपने घर पर रखा है। ममता बनर्जी ने हाल के दिनों में बंगाली अस्मिता को खूब हवा देने की कोशिश की है, जैसा कि गुजरात चुनावों के दौरान खुद पीएम नरेंद्र मोदी और अमित शाह कर चुके हैं।


अमित शाह को चुनावी चाणक्य कहा जाता है। वो हर चुनाव के लिए अलग-अलग रणनीति बनाते रहे हैं। महाराष्ट्र, हरियाणा चुनाव में चूकने और झारखंड में हारने के बाद वो पश्चिम बंगाल चुनाव की कमान खुद अपने हाथों में रखना चाहते हैं। इसलिए वो चाहते हैं कि बंगाल में  अधिक से अधिक जनसंवाद करें और इसके लिए वो बांग्लाभाषियों की मातृभाषा का सहारा लेना चाहते हैं।


बीजेपी के सूत्रों ने बताया कि अमित शाह बांग्ला के अलावा तमिल समेत कुल चार भाषाएं सीख रहे हैं, ताकि वो देश के अलग-अलग हिस्सों में जाकर वहां स्थानीय भाषा में लोगों से बातचीत कर सकें। कहा जाता है कि शाह ने जेल में रहने और गुजरात से बाहर रहने के दौरान हिन्दी पर पकड़ मजबूत की थी।


2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने पश्चिम बंगाल की 48 सीटों में से 18 पर जीत हासिल की थी, जबकि ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस ने 22 सीटें जीती थीं। इस बड़ी जीत के बाद से ही बीजेपी ने पश्चिम बंगाल में अपनी जड़ें गहरी करनी शुरू कर दी हैं। पार्टी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय लगातार वहीं कैम्प कर रहे हैं और संगठन को मजबूत कर रहे हैंcapacity news 


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