राष्ट्रीय / नई दिल्ली *NRC देशभर में लाने पर अमित शाह ने मारी पलटी! अब कहा- PM नरेंद्र मोदी सही है(बस यही दोनों सच्चे हैं, बाकी पूरा देश झूठा), पैन-इंडिया लाने पर कहीं चर्चा नहीं* Updated: Dec 24 2019 10:35 PM

राष्ट्रीय / नई दिल्ली
*NRC देशभर में लाने पर अमित शाह ने मारी पलटी! अब कहा- PM नरेंद्र मोदी सही है(बस यही दोनों सच्चे हैं, बाकी पूरा देश झूठा), पैन-इंडिया लाने पर कहीं चर्चा नहीं*
Updated: Dec 24 2019 10:35 PM | 


गृह मंत्री अमित शाह ने देश भर में NRC लागू करने को लेकर पलटी मार ली है। पहले उसने कहा था कि यह पूरे देश में लागू किया जाएगा, पर CAA व NRC पर जारी विरोध और NPR को अनुमति के बीच इन तीनों में भ्रम को लेकर उसने मंगलवार को यू-टर्न मार लिया। कहा कि एनआरसी को देश भर में लागू करने को लेकर तो कहीं कोई चर्चा ही नहीं हुई है।


समाचार एजेंसी ANI की स्मिता प्रकाश को दिए इंटरव्यू में उसने कहा, "इस पर (पैन-इंडिया एनआरसी) पर बहस की कोई जरूरत नहीं है, क्योंकि अभी इस पर कहीं कोई चर्चा ही नहीं हुई। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सही कहा है- न तो इस पर कैबिनेट में चर्चा हुई है और न ही संसद में।


#WATCH Home Minister Amit Shah to ANI: There is no need to debate this( pan-India NRC) as there is no discussion on it right now, PM Modi was right, there is no discussion on it yet either in the Cabinet or Parliament pic.twitter.com/hgHJ3IBFCO— ANI (@ANI) December 24, 2019


वैसे, कुछ वक्त पहले शाह ने संसद में कहा था कि NRC पूरे देश में लागू होगा। हालांकि, वह इसके अलावा भी कुछ और मौकों पर इस व्यवस्था को पूरे देश में लागू करने की बात कह चुका है।capacity news 


Popular posts
<no title>*ब्रेकिंग* भोपाल कलेक्टर का आदेश। केंद्र द्वारा दी गयी राहत का भोपाल में नहीं होगा असर। केंद्र ने दी है दुकानें खोलने की छूट। राज्यों को दिए हैं दुकान खोलने के मामले में फैसला लेने का अधिकार। भोपाल कलेक्टर ने आज आदेश जारी करके कहा कि 3 मई तक कोई छूट नहीं रहेगी। 3 मई के बाद समीक्षा करके आगे का फैसला लिया जाएगा।
*पत्रकारों के लिए क्या....?* केंद्र सरकार और प्रदेश की सरकार के द्वारा जिस तरह बीपीएल कार्ड धारियों, श्रमिकों और किसानों इत्यादि को जिस तरह से राहत राशियां एवं मुफ्त खाद्य सामग्री प्रदान करने की घोषणा की गई है, क्या इसी तरह पत्रकारिता के क्षेत्र में कार्य करने वाले पत्रकारों के हितों का भी सरकारों के द्वारा ख्याल नहीं रखना चाहिए? देश में आज नाम मात्र के बराबर अपने जोखिम भरे कार्यों के बदले पारितोषिक प्राप्त करने वाले पत्रकारों की संख्या नगण्य है। *ज्यादातर पत्रकार बगैर किसी सैलरी या मेहनताने के काम करते हैं,* ऐसी स्थितियों में उन पत्रकारों को भी अपने घर परिवार के भरण-पोषण विशेषकर ऐसी विकराल परिस्थितियों में तो और भी कठिन चुनौतियों से गुजरना पड़ता है। *क्या ऐसी स्थितियों में हमारी सरकारों को पत्रकारों के प्रति भी संवेदनशील नहीं होना चाहिए??* पत्रकारिता जैसे चुनौतीपूर्ण कार्य करने वाले उन सभी पत्रकारों को हमारी सरकारों के द्वारा कुछ ना कुछ राहत राशि प्रदान कर संबल प्रदान करने की आवश्यकता है। जिससे कि आने वाले समय में लोकतंत्र का यह चौथा स्तंभ और मजबूती के साथ खड़ा होकर अपनी जिम्मेदारियों को भरपूर तरीके से कार्यों का निर्वहन कर सके। कहते हैं *भूखे भजन न होय गोपाला, जा धरी तुम्हारी कंठी माला।।* भूखे पेट समाज सेवा नहीं होती, समाज को सजगता प्रदान करने हेतु अपनी कलम के माध्यम से प्रेरित कर लोगों को आगाह करने वाला लोकतंत्र का यह *चौथा स्तंभ आज पूरी तरह उपेक्षा का शिकार* है। जिस पर हमारी *सरकारों एवं जनप्रतिनिधियों को ध्यान देने की आवश्यकता* है । 🙏🏻🙂🙏🏻🤷🏻‍♂✒️✒️
मध्यप्रदेश युवक कॉंग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता सैय्यद सऊद हसन द्वारा जारी किया गया Facebook Post काफ़ी चर्चा का विषय बन गया है। इस में उन्होंने भोपाल सांसद प्रज्ञा ठाकुर का लापता होने की बात कही है। इंगलैंड की De. Montfort University Students Union (डि. मॉंट्फ़ोर्ट यूनिवर्सिटी छात्र संघ) के उपाध्यक्ष (वाइस प्रेज़िडेंट) रह चुके इस युवा नेता ने बताया कि भोपाल सांसद लगातार ग़ायब हैं और इस कोरोना महामारी की मार झेल रहे भोपाल जिसने उन्हें सांसद बनाया उस शहर की उन्हें कोई चिंता नहीं। जहाँ एक तरफ़ कमल नाथ एवं दिग्विजय सिंह लगातार मध्यप्रदेश की जनता के भलाई का काम कर रहे हैं वही दूसरी तरफ़ प्रज्ञा ठाकुर जैसी नेता का कोई अता पता नहीं है। अंत में सैय्यद सऊद हसन ने कहा भोपाल की जनता ऐसे नेताओं को कभी माफ़ नहीं करेगी और सही समय आने पर सबक़ सिखाएगी
Image
कुदरत का कहर भी जरूरी था साहब हर कोई खुद को खुदा समझ रहा था। जो कहते थे,मरने तक की फुरसत नहीं है वो आज मरने के डर से फुरसत में बेठे हैं। माटी का संसार है खेल सके तो खेल। बाजी रब के हाथ है पूरा साईंस फेल ।। मशरूफ थे सारे अपनी जिंदगी की उलझनों में,जरा सी जमीन क्या खिसकी सबको ईश्वर याद आ गया ।। ऐसा भी आएगा वक्त पता नहीं था, इंसान डरेगा इंसान से ही पता नहीं था
एल बी एस हॉस्पिटल पर इलाज न करने का आरोप