पवित्र मन से किया गया प्रत्येक कर्म पूजा है-पं. शास्त्री जी । खंडवा

पवित्र मन से किया गया प्रत्येक कर्म पूजा है-पं. शास्त्री जी ।


खंडवा। मनुष्य को अपना कर्म ईमानदारी से करते रहना चाहिए। वही कर्म, पूजा एवं अनुष्ठान से श्रेष्ठ सिद्ध होकर जीवन का कल्याण कर देता है। दुनिया में सबसे बड़ी भाग्यवान गृहस्थी वह है जिसके घर में बुजुर्ग माता-पिता हैं। पवित्र मन से किया गया प्रत्येक कर्म पूजा है। मृत्यु टाली नहीं जा सकती किंतु सुधारी जा सकती है। श्रीमद् भागवत कथा सिखाती है मरना, तो रामायण सिखाती है जीना। उक्त उद्बोधन कांटाफोड़ कन्नौंद के कथावाचक पंडित नारायण शास्त्री जी ने विद्युत नगर रोड सिंधी कॉलोनी स्थित मां आशापुरा माता मंदिर प्रांगण में संगीतमय श्रीमद् भागवत ज्ञानयज्ञ सप्ताह के तृतीय दिवस के अवसर पर सुखदेव परीक्षित मिलन एवं कपिल अवतार की कथा श्रवण करवाते हुए दिए। जानकारी देते हुए समिति प्रवक्ता निर्मल मंगवानी ने बताया कि मंदिर प्रमुख लालू बाबाजी के सानिध्य में चल रहे श्रीमद् भागवत ज्ञान यज्ञ सप्ताह के दौरान पंडित शास्त्री जी ने मोक्षदा एकादशी के अवसर पर कहा कि मौत को महोत्सव बनाने की तैयारी है श्रीमद् भागवत कथा। बुजुर्गो की सेवा करने वालों को भगवान को ढूंढने की आवश्यकता नहीं होती है। भगवान स्वयं उनको ढूंढतें चले आते हैं। जैंसे पंढरपुर में भक्त पंढलुक ने कभी भगवान का पूजन पाठ नहीं किया, न कभी मंदिर गया, उसने अपनी निष्ठा से अपने बूढ़े मां बाप को भगवान मानते सेवा की तो भगवान पंढरीनाथ बनकर उस के द्वार पर आए। यह निश्चित हैं जो भी पूर्ण श्रद्धा भाव से मां बाप की सेवा करेगा उसे ढूंढते हुए भगवान स्वयं चले आएंगे। संतो स्वर्ग से आयो बुलावो राम को सहित अनेक भजनों की प्रस्तुतियां भी दी गई। कथा के दौरान पूर्व वार्ड पार्षद संदेश गुप्ता, नवीन गंगवानी, नानक बजाज, निर्मल मंगवानी, भरत गंगवानी, आशापुरा माता मंदिर समिति सदस्य, विद्युत नगर महिला मंडल आदि सहित बड़ी संख्या में धर्म प्रेमी जनता उपस्थित थी।capacity news 


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<no title>*ब्रेकिंग* भोपाल कलेक्टर का आदेश। केंद्र द्वारा दी गयी राहत का भोपाल में नहीं होगा असर। केंद्र ने दी है दुकानें खोलने की छूट। राज्यों को दिए हैं दुकान खोलने के मामले में फैसला लेने का अधिकार। भोपाल कलेक्टर ने आज आदेश जारी करके कहा कि 3 मई तक कोई छूट नहीं रहेगी। 3 मई के बाद समीक्षा करके आगे का फैसला लिया जाएगा।
*पत्रकारों के लिए क्या....?* केंद्र सरकार और प्रदेश की सरकार के द्वारा जिस तरह बीपीएल कार्ड धारियों, श्रमिकों और किसानों इत्यादि को जिस तरह से राहत राशियां एवं मुफ्त खाद्य सामग्री प्रदान करने की घोषणा की गई है, क्या इसी तरह पत्रकारिता के क्षेत्र में कार्य करने वाले पत्रकारों के हितों का भी सरकारों के द्वारा ख्याल नहीं रखना चाहिए? देश में आज नाम मात्र के बराबर अपने जोखिम भरे कार्यों के बदले पारितोषिक प्राप्त करने वाले पत्रकारों की संख्या नगण्य है। *ज्यादातर पत्रकार बगैर किसी सैलरी या मेहनताने के काम करते हैं,* ऐसी स्थितियों में उन पत्रकारों को भी अपने घर परिवार के भरण-पोषण विशेषकर ऐसी विकराल परिस्थितियों में तो और भी कठिन चुनौतियों से गुजरना पड़ता है। *क्या ऐसी स्थितियों में हमारी सरकारों को पत्रकारों के प्रति भी संवेदनशील नहीं होना चाहिए??* पत्रकारिता जैसे चुनौतीपूर्ण कार्य करने वाले उन सभी पत्रकारों को हमारी सरकारों के द्वारा कुछ ना कुछ राहत राशि प्रदान कर संबल प्रदान करने की आवश्यकता है। जिससे कि आने वाले समय में लोकतंत्र का यह चौथा स्तंभ और मजबूती के साथ खड़ा होकर अपनी जिम्मेदारियों को भरपूर तरीके से कार्यों का निर्वहन कर सके। कहते हैं *भूखे भजन न होय गोपाला, जा धरी तुम्हारी कंठी माला।।* भूखे पेट समाज सेवा नहीं होती, समाज को सजगता प्रदान करने हेतु अपनी कलम के माध्यम से प्रेरित कर लोगों को आगाह करने वाला लोकतंत्र का यह *चौथा स्तंभ आज पूरी तरह उपेक्षा का शिकार* है। जिस पर हमारी *सरकारों एवं जनप्रतिनिधियों को ध्यान देने की आवश्यकता* है । 🙏🏻🙂🙏🏻🤷🏻‍♂✒️✒️
मध्यप्रदेश युवक कॉंग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता सैय्यद सऊद हसन द्वारा जारी किया गया Facebook Post काफ़ी चर्चा का विषय बन गया है। इस में उन्होंने भोपाल सांसद प्रज्ञा ठाकुर का लापता होने की बात कही है। इंगलैंड की De. Montfort University Students Union (डि. मॉंट्फ़ोर्ट यूनिवर्सिटी छात्र संघ) के उपाध्यक्ष (वाइस प्रेज़िडेंट) रह चुके इस युवा नेता ने बताया कि भोपाल सांसद लगातार ग़ायब हैं और इस कोरोना महामारी की मार झेल रहे भोपाल जिसने उन्हें सांसद बनाया उस शहर की उन्हें कोई चिंता नहीं। जहाँ एक तरफ़ कमल नाथ एवं दिग्विजय सिंह लगातार मध्यप्रदेश की जनता के भलाई का काम कर रहे हैं वही दूसरी तरफ़ प्रज्ञा ठाकुर जैसी नेता का कोई अता पता नहीं है। अंत में सैय्यद सऊद हसन ने कहा भोपाल की जनता ऐसे नेताओं को कभी माफ़ नहीं करेगी और सही समय आने पर सबक़ सिखाएगी
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कुदरत का कहर भी जरूरी था साहब हर कोई खुद को खुदा समझ रहा था। जो कहते थे,मरने तक की फुरसत नहीं है वो आज मरने के डर से फुरसत में बेठे हैं। माटी का संसार है खेल सके तो खेल। बाजी रब के हाथ है पूरा साईंस फेल ।। मशरूफ थे सारे अपनी जिंदगी की उलझनों में,जरा सी जमीन क्या खिसकी सबको ईश्वर याद आ गया ।। ऐसा भी आएगा वक्त पता नहीं था, इंसान डरेगा इंसान से ही पता नहीं था
एल बी एस हॉस्पिटल पर इलाज न करने का आरोप