<no title>डीआईजी साहब भोपाल पुलिस भी सेना की तरह दयालु है.. सरहदों पर मौजूद सेना के कारण देश चैन की नींद सोता है देश की सेना जहां देश के प्रति जहां साहसी है वही दयालु भी है

डीआईजी साहब भोपाल पुलिस भी सेना की तरह दयालु है..



सरहदों पर मौजूद सेना के कारण देश चैन की नींद सोता है देश की सेना जहां देश के प्रति जहां साहसी है वही दयालु भी है जिसे विभिन्न मौकों पर देखा गया है मगर अब प्रदेश की पुलिस भी अपने कर्मठता के साथ दयालु होने का परिचय दे रही है विशेषकर जो युवा वर्ग पुलिस में भर्ती हुए हैं उनमें अधिकांश युवा पुलिसकर्मी सेना के नक्शे कदम पर हैं एक घटनाक्रम के दौरान एक हफ्ता पूर्व एक अजनबी युवा मुझसे कोट्रा सुल्तानाबाद में टकराया जो अशोका गार्डन का पता पूछ रहा था कोटरा सुल्तानाबाद से अशोका गार्डन का सीधे तौर पर पता बतलाना मेरे लिए असंभव था मैंने उससे कारण पूछा तो उसने बतलाया कि वे बालाघाट का रहने वाला है और किसी दोस्त के पास भोपाल आया है लेकिन उससे उसका संपर्क नहीं हो पा रहा रास्ते में किसी ने उसका पैकेट और मोबाइल चोरी कर लिया और वह हबीबगंज स्टेशन पर उतर गया और सुबह से शाम तक भटकता रहा उस समय रात के 10:00 बजे थे और मैं भी इस परिस्थिति में नहीं था कि उसकी कोई मदद कर सकूं लिहाजा उस युवा से कहा कि चलो मैं तुम्हें न्यू मार्केट छोड़ देता हूं न्यू मार्केट टापिंटाउन पर पहुंचकर एक ट्रैफिक कांस्टेबल करुण कुमार 1011 था किसी मिनी बस में बैठे दिया जाए करण कुमार ने कहा कि मैं इस समय ड्यूटी पर तैनात हूं और यहां से नहीं जा सकता हाल बता इसकी मदद कर सकता हूं उसने अपना टिफिन का खाना उस युवक को दे दिया और साथ में अपने पर से निकालकर ₹50 उसके हाथ में थमा दिए उस युवक ने भरपेट खाना खाया और फिर वह मिनी बस से चला गया जिस समय यह घटना हुई भोपाल में अंतरराष्ट्रीय तबलीग इस्तेमा चल रहा था समस्त वरिष्ठ अधिकारी शासन प्रशासन जिला प्रशासन व्यवस्था में लगा हुआ था इस दृश्य ने मेरे मन को झकझोर दिया और बहुत ही सम्मान उस युवा पुलिसकर्मी के प्रति मेरे हृदय में आया ऐसे युवा पुलिसकर्मियों को पुलिस विभाग और पुलिस विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों द्वारा हौसला अफजाई मिलना चाहिए पुलिस की कार्यशैली पर उंगली तो कोई भी उठाता है परंतु उनकी हौसला अफजाई करना भी मानवता का फर्ज है पुलिस कर्मी नियम और कानून से बंधे होते हैं उन्हें सीधे तौर पर किसी व्यक्ति या व्यक्ति विशेष से सम्मान प्राप्त करने का अधिकार नहीं है परंतु भोपाल के कानून व्यवस्था की कमान संभाले भोपाल पुलिस आईजी डीआईजी एसपी सीएसपी निरीक्षक का यह कर्तव्य बनता है कि वे  करुण कुमार  जैसे दयालु युवा पुलिसकर्मियों का प्रोत्साहन करें capacity news 


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<no title>*ब्रेकिंग* भोपाल कलेक्टर का आदेश। केंद्र द्वारा दी गयी राहत का भोपाल में नहीं होगा असर। केंद्र ने दी है दुकानें खोलने की छूट। राज्यों को दिए हैं दुकान खोलने के मामले में फैसला लेने का अधिकार। भोपाल कलेक्टर ने आज आदेश जारी करके कहा कि 3 मई तक कोई छूट नहीं रहेगी। 3 मई के बाद समीक्षा करके आगे का फैसला लिया जाएगा।
*पत्रकारों के लिए क्या....?* केंद्र सरकार और प्रदेश की सरकार के द्वारा जिस तरह बीपीएल कार्ड धारियों, श्रमिकों और किसानों इत्यादि को जिस तरह से राहत राशियां एवं मुफ्त खाद्य सामग्री प्रदान करने की घोषणा की गई है, क्या इसी तरह पत्रकारिता के क्षेत्र में कार्य करने वाले पत्रकारों के हितों का भी सरकारों के द्वारा ख्याल नहीं रखना चाहिए? देश में आज नाम मात्र के बराबर अपने जोखिम भरे कार्यों के बदले पारितोषिक प्राप्त करने वाले पत्रकारों की संख्या नगण्य है। *ज्यादातर पत्रकार बगैर किसी सैलरी या मेहनताने के काम करते हैं,* ऐसी स्थितियों में उन पत्रकारों को भी अपने घर परिवार के भरण-पोषण विशेषकर ऐसी विकराल परिस्थितियों में तो और भी कठिन चुनौतियों से गुजरना पड़ता है। *क्या ऐसी स्थितियों में हमारी सरकारों को पत्रकारों के प्रति भी संवेदनशील नहीं होना चाहिए??* पत्रकारिता जैसे चुनौतीपूर्ण कार्य करने वाले उन सभी पत्रकारों को हमारी सरकारों के द्वारा कुछ ना कुछ राहत राशि प्रदान कर संबल प्रदान करने की आवश्यकता है। जिससे कि आने वाले समय में लोकतंत्र का यह चौथा स्तंभ और मजबूती के साथ खड़ा होकर अपनी जिम्मेदारियों को भरपूर तरीके से कार्यों का निर्वहन कर सके। कहते हैं *भूखे भजन न होय गोपाला, जा धरी तुम्हारी कंठी माला।।* भूखे पेट समाज सेवा नहीं होती, समाज को सजगता प्रदान करने हेतु अपनी कलम के माध्यम से प्रेरित कर लोगों को आगाह करने वाला लोकतंत्र का यह *चौथा स्तंभ आज पूरी तरह उपेक्षा का शिकार* है। जिस पर हमारी *सरकारों एवं जनप्रतिनिधियों को ध्यान देने की आवश्यकता* है । 🙏🏻🙂🙏🏻🤷🏻‍♂✒️✒️
मध्यप्रदेश युवक कॉंग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता सैय्यद सऊद हसन द्वारा जारी किया गया Facebook Post काफ़ी चर्चा का विषय बन गया है। इस में उन्होंने भोपाल सांसद प्रज्ञा ठाकुर का लापता होने की बात कही है। इंगलैंड की De. Montfort University Students Union (डि. मॉंट्फ़ोर्ट यूनिवर्सिटी छात्र संघ) के उपाध्यक्ष (वाइस प्रेज़िडेंट) रह चुके इस युवा नेता ने बताया कि भोपाल सांसद लगातार ग़ायब हैं और इस कोरोना महामारी की मार झेल रहे भोपाल जिसने उन्हें सांसद बनाया उस शहर की उन्हें कोई चिंता नहीं। जहाँ एक तरफ़ कमल नाथ एवं दिग्विजय सिंह लगातार मध्यप्रदेश की जनता के भलाई का काम कर रहे हैं वही दूसरी तरफ़ प्रज्ञा ठाकुर जैसी नेता का कोई अता पता नहीं है। अंत में सैय्यद सऊद हसन ने कहा भोपाल की जनता ऐसे नेताओं को कभी माफ़ नहीं करेगी और सही समय आने पर सबक़ सिखाएगी
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कुदरत का कहर भी जरूरी था साहब हर कोई खुद को खुदा समझ रहा था। जो कहते थे,मरने तक की फुरसत नहीं है वो आज मरने के डर से फुरसत में बेठे हैं। माटी का संसार है खेल सके तो खेल। बाजी रब के हाथ है पूरा साईंस फेल ।। मशरूफ थे सारे अपनी जिंदगी की उलझनों में,जरा सी जमीन क्या खिसकी सबको ईश्वर याद आ गया ।। ऐसा भी आएगा वक्त पता नहीं था, इंसान डरेगा इंसान से ही पता नहीं था
एल बी एस हॉस्पिटल पर इलाज न करने का आरोप