जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा का बयान सीएम कमलनाथ माफिया के आतंक के खिलाफ कार्यवाही के लिए उच्च स्तरीय बैठक कर रहे है

भोपाल


जनसंपर्क मंत्री पीसी शर्मा का बयान


सीएम कमलनाथ माफिया के आतंक के खिलाफ कार्यवाही के लिए उच्च स्तरीय बैठक कर रहे है आज


किसी भी क्षेत्र में माफियाओं को पनपने नही दिया जाएगा


भू माफिया काला बाजारी अड़ी बाजी मिलावटखोर सबके खिलाफ सख्त कार्यवाही करेंगे


94 मिलावट खोर  के खिलाफ कार्यवाही कर 31 केखिलाफ रासुका लगाई है


मप्र में अब रेत से प्राप्त होने वाला राजस्व 223 से बढ़कर 1234 करोड़ रु हो गया


लोगो के लिए लोगो की सरकार , ये सीएम कमलनाथ की मंशा है


उद्योग पतियों के लिए विश्वास हासिल कर रही है सरकार



सरकारी स्कूल में वार्षिक उत्सव  आयोजन होगा 12 13 14 दिसम्बर 



अतिथि शिक्षकों के लिये 2022 तक भर्ती में छूट 20 नम्बर वरीयता के 


यूरिया को लेकर केंद्र सरकार से चर्चा


जीएसटी का हिस्सा नही दे रही केंद्र सरकार


गैर बीजेपी शासित राज्यो को जीएसटी का हिस्सा नही मिल रहा इस पर सीएम केंद्र सरकार से करेंगे चर्चा


16 हजार करोड़ के घाटे में है मप्र सरकार


5 हेक्टेयर में लगने वाले उद्योग में मजदूरों केलिए आवास



सीएम सोलर पंप योजना 2 लाख सोलर पंप लगाएगी सरकार 


पानीपत फ़िल्म को लेकर सीएम उचित निर्णय लेंगे, सरकार जाट समाज के साथ


शिवराज सिंह चौहान की देन है मप्र में बिजली समस्या


शिवराज ने कोरी घोषणा कर दी बिजली बिल माफ लेकिन कोई आर्डर नही निकाला


पीसी शर्मा का बयान बिजली विभाग को नोटिस देकर शिवराज से वसूली करना चाहिए


एनआरसी भेदभाव पूर्ण है ये धर्म जाति से अलग हटकर सब पर लागू होना चाहिए capacity news 


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<no title>*ब्रेकिंग* भोपाल कलेक्टर का आदेश। केंद्र द्वारा दी गयी राहत का भोपाल में नहीं होगा असर। केंद्र ने दी है दुकानें खोलने की छूट। राज्यों को दिए हैं दुकान खोलने के मामले में फैसला लेने का अधिकार। भोपाल कलेक्टर ने आज आदेश जारी करके कहा कि 3 मई तक कोई छूट नहीं रहेगी। 3 मई के बाद समीक्षा करके आगे का फैसला लिया जाएगा।
*पत्रकारों के लिए क्या....?* केंद्र सरकार और प्रदेश की सरकार के द्वारा जिस तरह बीपीएल कार्ड धारियों, श्रमिकों और किसानों इत्यादि को जिस तरह से राहत राशियां एवं मुफ्त खाद्य सामग्री प्रदान करने की घोषणा की गई है, क्या इसी तरह पत्रकारिता के क्षेत्र में कार्य करने वाले पत्रकारों के हितों का भी सरकारों के द्वारा ख्याल नहीं रखना चाहिए? देश में आज नाम मात्र के बराबर अपने जोखिम भरे कार्यों के बदले पारितोषिक प्राप्त करने वाले पत्रकारों की संख्या नगण्य है। *ज्यादातर पत्रकार बगैर किसी सैलरी या मेहनताने के काम करते हैं,* ऐसी स्थितियों में उन पत्रकारों को भी अपने घर परिवार के भरण-पोषण विशेषकर ऐसी विकराल परिस्थितियों में तो और भी कठिन चुनौतियों से गुजरना पड़ता है। *क्या ऐसी स्थितियों में हमारी सरकारों को पत्रकारों के प्रति भी संवेदनशील नहीं होना चाहिए??* पत्रकारिता जैसे चुनौतीपूर्ण कार्य करने वाले उन सभी पत्रकारों को हमारी सरकारों के द्वारा कुछ ना कुछ राहत राशि प्रदान कर संबल प्रदान करने की आवश्यकता है। जिससे कि आने वाले समय में लोकतंत्र का यह चौथा स्तंभ और मजबूती के साथ खड़ा होकर अपनी जिम्मेदारियों को भरपूर तरीके से कार्यों का निर्वहन कर सके। कहते हैं *भूखे भजन न होय गोपाला, जा धरी तुम्हारी कंठी माला।।* भूखे पेट समाज सेवा नहीं होती, समाज को सजगता प्रदान करने हेतु अपनी कलम के माध्यम से प्रेरित कर लोगों को आगाह करने वाला लोकतंत्र का यह *चौथा स्तंभ आज पूरी तरह उपेक्षा का शिकार* है। जिस पर हमारी *सरकारों एवं जनप्रतिनिधियों को ध्यान देने की आवश्यकता* है । 🙏🏻🙂🙏🏻🤷🏻‍♂✒️✒️
मध्यप्रदेश युवक कॉंग्रेस के प्रदेश प्रवक्ता सैय्यद सऊद हसन द्वारा जारी किया गया Facebook Post काफ़ी चर्चा का विषय बन गया है। इस में उन्होंने भोपाल सांसद प्रज्ञा ठाकुर का लापता होने की बात कही है। इंगलैंड की De. Montfort University Students Union (डि. मॉंट्फ़ोर्ट यूनिवर्सिटी छात्र संघ) के उपाध्यक्ष (वाइस प्रेज़िडेंट) रह चुके इस युवा नेता ने बताया कि भोपाल सांसद लगातार ग़ायब हैं और इस कोरोना महामारी की मार झेल रहे भोपाल जिसने उन्हें सांसद बनाया उस शहर की उन्हें कोई चिंता नहीं। जहाँ एक तरफ़ कमल नाथ एवं दिग्विजय सिंह लगातार मध्यप्रदेश की जनता के भलाई का काम कर रहे हैं वही दूसरी तरफ़ प्रज्ञा ठाकुर जैसी नेता का कोई अता पता नहीं है। अंत में सैय्यद सऊद हसन ने कहा भोपाल की जनता ऐसे नेताओं को कभी माफ़ नहीं करेगी और सही समय आने पर सबक़ सिखाएगी
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कुदरत का कहर भी जरूरी था साहब हर कोई खुद को खुदा समझ रहा था। जो कहते थे,मरने तक की फुरसत नहीं है वो आज मरने के डर से फुरसत में बेठे हैं। माटी का संसार है खेल सके तो खेल। बाजी रब के हाथ है पूरा साईंस फेल ।। मशरूफ थे सारे अपनी जिंदगी की उलझनों में,जरा सी जमीन क्या खिसकी सबको ईश्वर याद आ गया ।। ऐसा भी आएगा वक्त पता नहीं था, इंसान डरेगा इंसान से ही पता नहीं था
एल बी एस हॉस्पिटल पर इलाज न करने का आरोप