आखिर NRC-CAA का विरोध क्यों ?* देश मे CAA एवं NRC को लेकर लोग सड़कों पर है और अपना विरोध कर सरकार को ये बताना चाहते है की जो अपने CAA बिल को पास किया है उससे क्या क्या नुकसान है।

*आखिर NRC-CAA का विरोध क्यों ?*


 


देश मे CAA एवं NRC को लेकर लोग सड़कों पर है और अपना विरोध कर सरकार को ये बताना चाहते है की जो अपने CAA बिल को पास किया है उससे क्या क्या नुकसान है।


लोगो मे ये बात कही जा रही है के तीन देशों से आने वाले गेरमुस्लिमो का विरोध किया जा रहा है बल्के विरोध वहा से आने वालों का नही जिनके दस्तावेज़ गुम हो गए है उन लोगो का भारत का नागरिक न कहलाने का विरोध है


*इन दोनों की कहानी से शायद कुछ समझ आए*


शफीक खान और रवि कुमार दोनों बहुत अच्छे दोस्त है उन दोनों के दादा भी दोस्त थे फिर उनके पिता भी आपस मे दोस्त थे और अब शफीक और रवि दोनों पड़ोसी है उनके पूर्वजों की तरह वो भी पास में ही रहते है एक दिन गांव में बरसात हुई जिस की वजह से गाँव मे बाढ़ आगयी घरों में पानी भर गया और सारा सामान पानी मे चला गया अब 50 साल पुराने दस्तावेज़ ना रवि के पास है ना शफीक के मगर सरकार जो बिल लेकर आई है CAA उस बिल के तहत रवि को CAA कार्ड दे दिया जयगा वो नागरिक हो जायेगा मगर शफीक नही,शफीक क्यों नही पानी ने नुक्सान दोनों का करा मगर CAA बिल में शफीक शामिल नही होता इस लिए वो यहा नही रहा सकता


अब बात करते है रवि कुमार कि रवि के दादा के दादा भी इसी देश के थे मगर तस्तावेज़ न होने की वजह से उसे CAA कार्ड के द्वारा नगरिक बनाया गया अब बात अजीब है कागज़ात गुम हो जाने की वजह से जो पहले से नागरिक था उसपर सरकार एहसान कर रही है के हमने तुम्हे नागरिकता दी है सरकार की नज़र में तो रवि कुमार भी घुसपैठ कर के आया हुआ हो गया कल को 10 साल बाद सरकारी नोकरी और सरकारी सुविधा उसे शायद न मिले हो सकता है उसके साथ सौतेला व्यवहार हो क्योंकि वो प्रथम नागरिक तो रहा नही CAA से नागरिकता दी है मतलब वो हिन्दू होने के बाद भी दूसरे दर्जे का नागरिक हुआ ना


*क्या हुआ था असम में*


हमारे सामने ताज़ा मामला असम का है जहा NRC हुआ जिस में पूरा राज्य लाइन में लगा 19 लाख लोग NRC की लिस्ट में नही आए जिनमे 5 लाख मुस्लिम है और 14 लाख दूसरे धर्म के लोग है उनमे वो लोग भी अधिक है जिनका सामान बरसात बाढ़ अंधी तूफान में चल गया जिनके घर मे आग लग चुकी जिन के कागज़ गुम हो गए मगर सरकार ने CAA का जो बिल लाए उसमे 14 लाख लोगों को खुदी नागरीकता मिल जायेगी चाहें वो इसी देश के हो मगर उन्हें सरकार घुसपैठ कर घुसने वाला मानती है बाकी बचे 5 लाख लोगो का क्या होगा इस बात पर अभी तक सरकार खामोश है


वो ये दूसरा पहलू नही बता रही के देश वासियों को इससे क्या नुकसान है वो बस बता रहे है हम परेशान हिन्दुओ को नागरीकता दे रहे है तीन देशों के वो ये नही बता रहे जिनको दूसरे दर्जे का नागरिक बना रहे है जिनकी नागरिकता ले रहे है उनका क्या उनकी बात क्यो नही ?


अमित शाह सदन में और प्रेस से बात करते हुए कह रहे है हम पूरे देश मे NRC ला रहे है CAA NRC अलग नही है अब असम के अनुभव के अनुसार पूरे देश मे NRC लागू किया जाता है तो ग़रीब मज़दूर आदिवासी साहित अनेक लोग अपने काग़ज़त सबूत पेश नही कर पायगे और उनकी तादाद 10 करोड़ भी मन ली जाए जिनमे 7 करोड़ दूसरे धर्म के लोग और 3 करोड़ मुसलिम समाज के लोग होंगे CAA बिल जिस के बारे में सरकार कह रही है उससे भारत के किसी नागरिक को ख़तरा नहीं वो बिल तो विदेश से आने वाले लोगो के लिए है उसी CAA बिल के आधार पर उस बिल के दूसरे पहेलु के तहत 10 करोड़ में से जो 7 करोड़ लोग है जो मुस्लिम नही है उन्हें CAA कार्ड देकर नागरिक बना लिया जायेगा मतलब जो नागरिक थे उनपर सरकार ने एहसान कर दिया के तुम घुसपैठ कर के आए हमने नागरिक बना दिया जिस देश में भूकंप आता है बाढ़ आती है तूफान आता है आगजनी होती है लूट होती है चोरी होती है वहा एक आम नागरिक इतने पुराने कागज़ कहा से संभाल कर रखेगा? अब बचे 3 करोड़ मुस्लिम उनके बारे में अभी सरकार ने कोई बात नही की है और न ही CAA के दायरे में वो आएंगे ,,सरकार लोगो को गुमराह कर रही है के ये विरोध देश मे आने वाले लोगो के लिए हो रहा है मगर ये विरोध जिनके पास काग़ज़त नही है उन्हें दूसरे दर्जे का बनाने एवं जो लोग CAA के दायरे में नही आते उनका क्या होगा इस लिए हो रहा है और दूसरी बात ये गेर संविधानिक भी हे capacity news 


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