*जीना यहां मरना यहां ।*
*इसके सिवा जाना कहां ।।*
आजकल भारत में एनआरसी की चर्चाएं मुस्लिम बहुल शहरों में जोर शोर से चल रही है , हर अल्पसंख्यक इन दिनों अपने आप को इस देश में बेगाना सा महसूस कर रहा है।
देश की सरकार एनआरसी पर सफाई देती नजर आ रही है , पर मुसलमानो को डर इस बात का है अगर उसका नाम एनआरसी में नहीं आया तो क्या होगा ।
मैं तो बड़े नेताओं से यही कहना चाहूंगा साहब।
*नफरत को गले लगा के ,*
*प्यार को अनसुना करते हैं ।*
*खुशी से दो बात नही*
*मुसलमानों को तानो से रुला देते हैं ।*
हिंदुस्तान के मुसलमान जो आजादी के समय पाकिस्तान चले गए थे ,वहां पर उनका जीवन नरकीय जीवन से कम नहीं ।
पाकिस्तान के बाशिंदे हिंदुस्तान के मुसलमानों को बड़ी गिरी हुई नजरों से देखते हैं ,और इनको मुजाहिरिन कहा जाता है ,और अब हिंदुस्तान में मुसलमानों को देशद्रोहियों से कम नहीं समझा जाता कहां जाए हिंदुस्तान का मुसलमान ।
जिन्ना की गलती और पंडित नेहरू के लालच ने हिंदुस्तान के मुसलमानों को दोयम दर्जे का नागरिक बना दिया ।
एक छोटा से उदाहरण से ,मैं आपको समझाना चाहता हूं ।जब दो भाइयों में बंटवारा होता है ,तो दोनों भाइयों को एक मकान का आधा आधा हिस्सा दिया जाता है, अगर कोई भाई अपने मां बाप को और अपने रिश्तेदारों को साथ रखना चाहता है, तो उसको हिस्सा बड़ा मिलता है ,ऐसे ही हुआ था बटवारा ,जिन्ना का कहना था , हम केवल मुसलमानों को रखेंगे और पाकिस्तान देश को इस्लामिक राष्ट्र बनाएंगे इसलिए उसका नाम रखा गया पाकिस्तान, और भारत के प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने भारत को धर्मनिरपेक्ष राष्ट्र बनाने की घोषणा की थी , भारत में सभी धर्म के लोगों को बराबर सम्मान दिया जाएगा । इसमें हिंदू ,मुस्लिम सिख ,ईसाई सब एक साथ रहेंगे इसलिए इस देश का नाम भारत रखा गया । इसलिए बंटवारे के समय पाकिस्तान को केवल 20% जगह दी गई । उनको 20% रिजर्व फंड दिए गए और पुलिस एवं सेना भी उनके 20% हिस्से में आई थी , पाकिस्तान का कुल क्षेत्र मध्य प्रदेश के बराबर है मध्यप्रदेश जो पहले छत्तीसगढ़ नहीं बना था इतना बड़ा है पाकिस्तान ।
अगर हम बात करें मुसलमानों की आजादी के योगदान में दिल्ली के इंडिया गेट में जो आजादी के दौरान शहीद हुए इसमें मुसलमान 61396 , सिख 8060 , दलित 10777 , सवर्ण 598 । यह मेरे आंकड़े नहीं इंडिया गेट पर जो नाम लिखें हैं यह वह है ।
*सरकार भटका रही है ,*
*भारत की जनता को हिंदू* *मुसलमानों के नाम पर ।*
जो असली मुद्दे हैं बेरोजगारी शिक्षा , महंगाई , देश की बिगड़ती अर्थव्यवस्था इस पर सरकार का ध्यान नहीं है । कब तक चलेगी सरकार हिंदू मुस्लिम के मुद्दों पर एक समय यह आएगा जब भारत वासियों को पता चलेगा हम हिंदू मुसलमान के मुद्दों पर लड़ते रहे हमारे बच्चे बेरोजगारी के कारण गली-गली भटक रहे हैं ,घरों में पर्याप्त खाना नहीं है और महंगाई सर पर चढ़कर बोल रही है ।
*सरकार करने जा रही है 3000 करोड़ की कटौती शिक्षा के मद में* ।
शिक्षा. निहायती जरुरी चीज़ है, एक देश के विकास के लिए । हाल ही में द प्रिंट में एक रिपोर्ट छपी है, स्कूल एजुकेशन के बजट में सरकार 3000 करोड़ रुपयों की कटौती करने का विचार कर रही है । उन्हें पता चला एचआरडी में बैठे अपने सूत्रों से , सवाल उठा कि सरकार कारण क्या बताएगी इस कटौती का? जवाब था पैसा. वित्त मंत्रालय के पास फिलहाल पैसों की कमी है ।
फिर सरकार की तरफ से इसका खंडन आया ।
ख़बर फ़ैली तो एच आर डी की तरफ से ख़बर का खंडन आया, ख़बर को ग़लत बताया, कहा बजट में कमी का कोई प्रपोजल नहीं है ।
मगर आजकल जो देश के हालात चल रहे हैं ,कोई बड़ी बात नहीं 3000 करोड़ की कटौती शिक्षा के मद से कर दे ।
*भारत को जैसा महात्मा गांधी चाहते थे ,वैसा रामराज* *बनाएं*।
महात्मा गांधी ने रामराज की कल्पना की थी , वह थी स्वदेशी सामान ,भ्रष्टाचार मुक्त भारत , सब धर्मों में एकता यह रामराज की परिभाषा ।
देखते हैं हमारी सरकार कौन सा राम राज्य बनाती है , भारत को ।
*आजकल भारत में नफ़रतों का बोलबाला है ।*
*इसका छोटा सा इलाज*
*मोहब्बत के सिवा कुछ भी नहीं ।*
*पहले भारत में अमन था प्यार था मोहब्बत थी ,*
*रंग था नूर था ।*
*आओ मिलकर नजर उतारे हमारे भारत की capacity news