*ट्रांसफर के एक महीने बाद ही करप्शन चार्ज में फंसे असम में NRC के पूर्व कोऑर्डिनेटर प्रतीक हजेला, हो रही CBI जांच की मांग*
Updated: Nov 29 2019 09:30 AM |
असम में एनआरसी के पूर्व कोऑर्डिनेटर प्रतीक हजेला भ्रष्टाचार के आरोप में फंस गए हैं। एनजीओ असम पब्लिक वर्क्स (एपीडब्ल्यू) ने एनआरसी के पूर्व कोऑर्डिनेटर प्रतीक हजेला के खिलाफ सीबीआई की भ्रष्टाचार रोधी शाखा में प्राथमिकी दर्ज कराते हुए राज्य में एनआरसी अपडेट करने में बड़े स्तर पर सरकारी धनराशि के गबन का आरोप लगाया।
सुप्रीम कोर्ट की निगरानी के तहत असम में एनआरसी को अपडेट करने के लिए शीर्ष न्यायालय में मूल याचिकाकर्ता एपीडब्ल्यू ने प्राथमिकी दर्ज कराते हुए एनआरसी के पूर्व राज्य कोऑर्डिनेटर और उनके करीबी सहायकों द्वारा सरकारी धनराशि के गबन-भ्रष्टाचार मामले की उच्च स्तरीय जांच कराने का अनुरोध किया है ।
गैर सरकारी संस्था एपीडब्ल्यू के सदस्य राजीव डेका द्वारा दर्ज कराए गए मामले में कहा गया है कि केंद्र सरकार राज्य संयोजक के जरिए एनआरसी अपडेट प्रक्रिया के लिए धनराशि प्रदान कर रही थी । शिकायत में कहा गया कि सूचना के मुताबिक लगभग 1600 करोड़ रुपये जारी किए जा चुके हैं और हमने धनराशि के इस्तेमाल की समूची प्रक्रिया की छानबीन कराने का अनुरोध किया है क्योंकि विभिन्न खर्चे के नाम पर कई गड़बड़ियां और वित्तीय अनियमितता हुई।
एफआईआर की एक प्रति मीडिया को भी उपलब्ध करायी गयी। इसमें दावा किया गया कि हजेला ने अपने सलाहकार के तौर पर कई सेवानिवृत्त सरकारी अधिकारियों को नियुक्त किया और उन्हें नयी गाड़ियां मुहैया करायी गयी और आकर्षक वेतन दिए गए। दावा किया गया है कि हजेला की तरफ से नियुक्त किए गए सलाहकारों ने क्या काम किया इस बात का कोई रिकॉर्ड नहीं है।
एफआईआर में कहा गया है कि खर्च की राशि का सीएजी की तरफ से ऑडिट भी नहीं किया गया है। शिकायककर्ता का कहना है कि एनआरसी अपडेट करने की प्रक्रिया में कई स्कूल शिक्षकों को लगाया गया लेकिन उन्हें इसके लिए कोई भुगतान नहीं किया गया। जबकि रिकॉर्ड में इस मद में भारी राशि का भुगतान दिखाया गया है। मालूम हो कि पिछले महीने ही सुप्रीम कोर्ट ने 1995 बैच के असम-मेघालय कैडर के आईएएस अधिकारी हजेला के मध्यप्रदेश ट्रांसफर किए जाने संबंधी आदेश जारी किया था। उन्हें 12 नवंबर को कार्यमुक्त कर दिया गया था। capacity news