सभाजीत यादव, कमिश्नर नगर निगम रीवा

*पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान पर निगम कमिश्नर का पलटवार, भाजपा में मचा हड़कंप, डंफर की भी दिलाई याद*
👉शिवराज के आरोपों पर रीवा निगम कमिश्नर , कहा आपके नेताओं के चलते हुआ करोड़ा का नुकसान
👉चार नवंबर को रीवा में धरना देकर शिवराज सिंह चौहान ने लगाए थे निगम आयुक्त पर गंभीर आरोप..
रीवा। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के आरोपों पर पहली बार किसी अधिकारी ने खुलकर पटलवार किया है। नगर निगम रीवा के कमिश्नर ने आरोपों पर जवाब देते हुए शिवराज और उनके नेताओं पर ही कई गंभीर आरोप मढ़ दिए हैं। बीते चार नवंबर को शिवराज भाजपा के किसान आक्रोश रैली को संबोधित करने रीवा आए थे। अपने भाषण और संभागायुक्त को दिए गए ज्ञापन में नगर निगम कमिश्नर पर कई आरोप लगाए थे। जिसमें उन दोनों बिन्दुओं पर विस्तार से जवाब भेजते हुए निगम कमिश्नर सभाजीत यादव ने कहा है कि जिन योजनाओं का उल्लेख किया गया है, वह भाजपा के कार्यकाल में ही प्रारंभ की गई थी। भाजपा नेताओं की वजह से ही नगर निगम को करोड़ों रुपए का आर्थिक नुकसान हुआ है। इसके पहले पूर्व मंत्री राजेन्द्र शुक्ला को वसूली का नोटिस देकर निगम कमिश्नर चर्चा में आए थे।
*इस तरह दिया आरोपों का जवाब*
आइएचएसडीपी- इस योजना के तहत 248 मकान शहर के रतहरा में बनाए गए। इसमें प्रति मकान की कीमत तीन लाख रुपए आई थी। जिसमें 80 हजार रुपए केन्द्रांश, दस हजार राज्यांश, 60 हजार निकाय अंशदान एवं 1.50 लाख हितग्राही अंशदान था। तत्कालीन मंत्री राजेन्द्र शुक्ला ने नि:शुल्क मकान देने का वादा किया और बिना हितग्राही अंशदान जमा कराए कब्जा भी दिलवा दिया। जिस पर 4.94 करोड़ रुपए निगम का आर्थिक क्षति हुई।
प्रधानमंत्री आवास योजना- दूसरी आवासीय प्रधानमंत्री योजना का भी पत्र में उल्लेख किया है। इडब्ल्यूएस हितग्राहियों को दो लाख रुपए में मकान का आश्वासन दिया गया था। इसमें मकान की लागत 7.10 लाख रुपए थी। जिस पर केन्द्र और राज्यांश डेढ़-डेढ़ लाख रुपए, निगम को 2.10 लाख एवं दो लाख रुपए हितग्राही अंशदान देना है। यह स्लम एरिया में बसे लोगों के लिए योजना थी लेकिन तत्कालीन मंत्री राजेन्द्र शुक्ला एवं निगम अधिकारियों ने सच नहीं बताया और सभी तरह के हितग्राहियों से 20 हजार रुपए लेकर पंजीयन करा लिया। सरकार बदलने के बाद यह बात सामने आई तो जनता में भ्रम फैलाया गया कि राज्य की नई सरकार ने मकानों की कीमत बढ़ा दी है। इससे निगम को 53.35 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है।
*बीएलसी घटक की राशि पहले ही की गई थी भुगतान*
पूर्व सीएम ने आरोप लगाया था कि बीएलसी घटक के हितग्राहियों की राशि ठेकेदारों को भुगतान कर दी गई। इस पर पलटवार करते हुए निगम कमिश्नर ने कहा है कि उनके पदस्थ होने से पहले ६.५८ करोड़ रुपए पूर्व के कमिश्नर ने भुगतान किया था। अपने कार्यकाल के आंकड़े पेश करते हुए कहा है कि हमने गरीबों के अधूरे मकानों का निर्माण पूरा कराया है।
*पत्नी पर आरोपों के जवाब में डंपर की दिलाई याद*
निगम कमिश्नर की पत्नी पर पूर्व सीएम शिवराज ने आरोप लगाया था कि वह कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ चुकी हैं, इसलिए कमिश्नर कांग्रेसी मानसिकता से काम कर रहे हैं। पर कमिश्नर ने कहा है कि जहां तक मुझे ज्ञात है तो मेरी पत्नी ने कभी कांग्रेस से चुनाव नहीं लड़ा है। पत्र में यह जरूर कहा है कि कुछ लोगों ने मांग उठाई है कि आपकी पत्नी जहां पर किराए के मकान में रह रही हैं, वहां पर साफ-सफाई कराई जाए ताकि डंपर खड़ा करने के लिए जगह हो सके।
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*पूर्व सीएम शिवराज सिंह चौहान ने संभागायुक्त को ज्ञापन देकर नगर निगम के कार्यों में मनमानी का आरोप लगाया था। उस पर वस्तुस्थिति से अवगत कराया गया है कि उनकी सरकार में शुरू की गई योजनाओं में उनके मंत्री के कहने पर किस तरह से निगम को आर्थिक नुकसान पहुंचाया गया ।* 
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