प्रेम से प्रकट होते हैं भगवान।। भय प्रकट कृपाल दीन दयाला की चौपाइयों से गूंजा पाण्डाल।।। श्रीराम कथा आयोजन समिति के प्रबक्ता बलवन्त सिंह रघुवंशी ने कथा की जानकारी देते हुये बताया कि कथा व्यास श्री मुरलीधर महाराज श्री ने कहा कि भगवान को प्रकट करने या प्राप्त करने के लिए अंतर्मन से प्रेम होना चाहिए भगवान किसी के धन दौलत या पद एवं ओहदे से प्रभावित नही होते हैं भगवान तो भाव से प्रेम से प्रकट होकर अपने भक्तों को कष्टों से उबारने एवं तारने के लिए सदैव आते रहे हैं का उल्लेख करते हुए ज़बूरी मैदान में आज दूसरे दिन अपनी मधुर शैली के लिए विख्यात पूज्य मुरलीधर महाराज ने पार्वती विवाह एवं श्रीराम जन्म प्रसंग का विस्तार से वर्णन किया एवं भूत भावन भोलेनाथ की बारात प्रसंग से श्रोता उमंग से सरोबार होकर नृत्य करने लगे। माता पार्वती द्वारा पूछे गए 12 प्रश्नों का वर्णन करते हुए संगुण एवं निर्गुण का भेद को स्पष्ट करते हुए बताया कि जैसे पानी विभिन्न रूप धारण करता है लेकिन तत्व एक ही है ऐसे ही निर्गुण ब्रह्म साकार स्वरूप लेते हैं । श्री राम जन्म अवतार के विभिन्न कारणों का बखान करते हुए बताया कि दुष्ट जनों के संघार के लिये भगवान स्वयं मनुज अवतार धारण कर पृथ्वी पर जन्म लेकर आते हैं । महाराज श्री ने कहा कि "जब जब होय धर्म की हानि,बाढहिं अधम खल नर अघ राशि। तब तब प्रभु धरहिं मनुज शरीरा हरहिं कृपा निधि सज्जन पीरा।। चौपाइयों का सस्वर वाचन किया । राजा दसरथ द्वारा पुत्र प्राप्ति हेतु कामेष्ठी यज्ञ कथा का वर्णन किया एवं चारों पुत्रों जन्म की कथा का विस्तार से वर्णन किया एवं रामजन्म की आरती भय प्रकट कृपाला गाया तो पूरा पाण्डाल झूम उठा मुरलीधर महाराज ने बधाई गीतों पर मुख्य्यजमान सहित सभी श्रोता भाव विभोर होकर खूब नृत्य किया ऐसा लग रहा था कि अयोध्या धाम में महाराज दशरथ के महल जैसा माहौल निर्मित हो गया । इस अवसर महाराज श्री रघुवंशी समाज के राष्ट्रीय प्रबक्ता एवं हनुमान चालीसा आयोजन समिति के सयोंजक बलवंत सिंह रघुवंशी का श्रीरामलला दर्शन एवं रघुवंश अस्तित्व यात्रा जो भोपाल की अयोध्या नगर से रामजन्म भूमि अयोध्या तक 500 वाहनों के साथ यात्रा की थी इसके लिए मुरलीधर महाराज ने रामनामी दुपट्टा उढ़ाकर सम्मान किया । कल की कथा में भगवान की बाल लीला का वर्णन होगा। आज की कथा मुख्यरूप महन्त मानिकपुरी रायसेन,कैलाश रघुवंशी विदिशा ,अनिल अग्रवाल, श्याम सुंदर रघुवंशी, हरिशंकर रघुवंशी रास्ट्रीय अध्यक्ष अखण्ड रघुवंशी समाज कल्याण महापरिषद, डोरीलाल शर्मा उदयपुरा, मुख्य्यजमान द्वय रमेश रघुवंशी एवं हीरालाल गुर्जर हरीश वाथवी,मिथलेश गौर,उमेश कुमार, गोकुल कुशवाहा, राजेन्द्र चौधरी रायसेन, भैयाराम पाल रास्ट्रीय अध्यक्ष पाल महासभा विशेषरूप से उपस्थित रहे एवं कथा का आनन्द लिया। capacity news
प्रेम से प्रकट होते हैं भगवान।। भय प्रकट कृपाल दीन दयाला की चौपाइयों से गूंजा पाण्डाल