Breaking News उज्जैन : शिवसेना नेता ने प्रेमिका से पीछा छुड़ाने के लिए दी थी हत्या की सुपारी

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उज्जैन : शिवसेना नेता ने प्रेमिका से पीछा छुड़ाने के लिए दी थी हत्या की सुपारी.


 


*उज्जैन:* 15 नंवबर को बड़नगर बायपास पर मिली 30 वर्षीय स्वाति भट्ट की मौत हादसे से नहीं हुई थी बल्कि उसकी सुपारी देकर हत्या करवाई गई थी। पुलिस ने यह खुलासा बुधवार को किया। हत्या की सुपारी देने वाला कोई और नहीं स्वाति का दोस्त निकला जिसका का नाम सुखविंदर खनूजा(Sukhwinder Khanuja) है जो की एक शिवसेना नेता(Shiv Sena leader) है। जिसके खिलाफ उसने कुछ साल पहले रेप का केस दर्ज करवाकर उसे जेल भिजवाया था। पुलिस ने हत्या में शामिल छह आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।


जानकारी के अनुसार उज्जैन के भागसीपुरा में रहने वाली 30 वर्षीय स्वाति भट्ट के साथ शिवसेना नेता सुखविंदर खनूजा का अफेयर चल रहा था। शादीशुदा होने के बाद भी सुखविंदर उसे शादी का झांसा देकर आये दिन उसके साथ शारीरिक शोषण करता था। लेकिन शादी के लिए मना करता था। एक बार तो प्रेमिका ने रेप केस भी लगाया था लेकिन बाद में उसने बहला फुसला के जमानत करवा ली थी। उसके बाद प्रेमिका की शादी की जिद से परेशान होकर सुखविंदर ने उसकी मौत की कहानी लिख डाली और उसकी हत्या को दुर्घटना में बदलने की कोशिश की जब जांच के दौरान पुलिस ने इंदौर के वाहिद नामक युवक से सख्ती से पूछताछ की तो मामले का खुलासा हो गया। 20 वर्षीय मैजिक चालक वाहिद ने बताया कि स्वाति की हत्या के लिए एक लाख की सुपारी दी गई थी। सुखविंदर ने इंदौर निवासी पंकज से सौदा तय किया था। इस पर पंकज ने पत्नी उमा और संजय को अपने साथ बाइक पर बिठाया, जबकि वहीद और समीर मैजिक गाड़ी से निकले। इन्होंने 15 नवंबर को स्वाति को इनर रिंग रोड पर बुलाया और मारपीट कर उस पर मैजिक गाड़ी चढ़ा दी.


एसपी सचिन अतुलकर(SP Sachin Atulkar) ने मामले का खुलासा करते हुए बताया कि 15 नवंबर को स्वाति भट्ट की हादसे में मौत नहीं हुई थी, बल्कि साजिश के तहत उसकी हत्या की गई थी। हत्यारा कोई और नहीं बल्कि स्वाति का दोस्त सुखविंदर खनूजा ही है। 15 नवंबर को सूचना मिली थी कि एक युवक घायल अवस्था में एक युवती को अस्पताल छोड़कर गया है। पुलिस मौके पर पहुंची तो युवती दम तोड़ चुकी थी। जांच में पता चला कि मृतका स्वाति भट्ट है, जिसे सुखविंदर खनूजा ने अस्पताल पहुंचाया है। स्वाति ने 2014 में सुखविंदर खनूजा पर बलात्कार का आरोप लगाते हुए उसे जेल भिजवा दिया था, जिसके बाद दोनों पक्षों में समझौता हो गया और सुखविंदर जेल से बाहर आ गया था।


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